अमरकंटक / श्रवण उपाध्याय
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक से मैकल परिक्रमा कार्तिक पूर्णिमा दिन शुक्रवार 15/11/2024 गणेश धुना माई की बगिया में सुबह पूजा अर्चना कर सप्त दिवसीय मैकल परिक्रमा पर्वतराज अमरकंटक की परिक्रमा का संकल्प लें कर सैकड़ों लोग पैदल , भजन कीर्तन , राम धुन करते हुए सुबह 10 बजे गणेश धुना महंत श्री स्वामी भगवान दास जी के निर्देशन और संयोजक में प्रारंभ कर दिया जायेगा । यात्रा के संरक्षक परमहंस संत श्री स्वामी सीताराम जी महाराज होंगे ।
यह परिक्रमा 100 कि.मी. की बताई जा रही जो नर्मदा पुराण में वर्णित है ।
स्वामी भगवान दास जी बताते है की यह पर्वतराज अमरकंटक तीनो लोको में प्रसिद्ध है एवम् करोड़ों देवी देवता निवास करते है तथा हजारों ऋषि मुनियों की यह तपस्थली है अतः यह पुण्यप्रद है । जो पर्वतराज अमरकंटक मैकल की परिक्रमा श्रद्धापूर्वक करता है वह सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त कर लेता है । यह परिक्रमा से मनुष्य के कायिक , वाचिक और मानसिक तीनो पाप नष्ट हो जाते है ऐसा भगवान शंकर ने कहा है । इसकी परिक्रमा कर भगवान शंकर और मां नर्मदा जी की कृपा प्राप्त कर सकते है ।
परिक्रमा मार्ग
गणेश धुना माई की बगिया से सुबह दस बजे प्रारंभ होकर प्रथम रात्रि विश्राम जगतपुर (करंजिया) , दूसरा जोगी कुंड नर्मदा घाट (खन्नात) , तीसरा जालेश्वर धाम (अमरकंटक) , चौथा पकरिया (गौरेला छ ग) , पांचवा माई मड़वा (थाड़ पथरा छ ग) , छटा आमाडोभ (केंवची छ ग) , सप्तम गणेश धुना अमरकंटक में पहुंच पूजन , कन्या भोज बाद समाप्त होगा । यह परिक्रमा 15 से 21 सैकड़ों साधु संत और भक्तगण संकीर्तन करते परिक्रमा मार्ग पर पैदल चलेंगे ।
इसके आयोजक मां नर्मदा मैकल परिक्रमा समिति भारतवर्ष ,श्री श्री 1008 श्री रामनाथ शरण बड़ा दरबार मैहर , अजय साहू गाड़ासरई , छोटे राव साहब जबलपुर , कैलाश नाथ शर्मा जोधपुर , पप्पू सिंह तोमर अमरहा शहडोल , संपत पारिल सांवा सतारा महाराष्ट्र और मुख्य पंडित आकाश द्विवेदी अमरकंटक परिक्रमा साथ रहेंगे ।