अमरकंटक से महज 9 किलोमीटर दूर ज्वालेश्वर धाम में दिखा बाघ , गाय का शिकार कर लेंटाना की झाड़ियां में छिपा ।

ज्वालेश्वर धाम में बाघ के मूवमेंट से स्थानीय दुकानदारों और रहवासियों में भय का माहौल ।

संवाददाता / श्रवण उपाध्याय

अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली /पवित्र नगरी अमरकंटक में शनिवार की मध्य रात्रि से ज्वालेश्वर क्षेत्र में बाघ की आहट से पशु और ग्रामीणजन काफी भयभीत है । रविवार सुबह दिनांक 19 जनवरी 2025 को दुर्गा मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर के आस पास बाघ का ज्यादा हलचल बना रहा । अन्नपूर्णा मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे में वह कैद भी हुआ । लोगो द्वारा बताया जा रहा है कि बीती रात से ही बाघ की हलचल है । बाघ ने रात्रि में ही कुत्ते के ऊपर हमला किया और उसे अपना आहार बनाया । इसके बाद गाय का भी शिकार किया और उसके बाद गाय को लेंटाना की झाड़ियां में खींचकर ले गया । जिसके बाद वह वहीं बैठकर गाय का आहार कर रहा है ।
स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी जिसके बाद अमरकंटक वन अमला और गौरेला (पेंड्रारोड) वन अमला मौके पर मौजूद रहा तथा निगरानी बनाए हुए हैं । इस अवसर पर अमरकंटक वन परिक्षेत्र अधिकारी वीरेंद्र श्रीवास्तव , डिप्टी रेंजर जमुना सिंह मार्को सहित वन विभाग के कर्मचारीगण अमला मौके पर उपस्थिती बनाए हुए है ।

ज्वालेश्वर धाम में बाघ के मूवमेंट को लेकर अमरकंटक वन विभाग द्वारा सभी को सतर्क किया जा रहा है साथ ही वन विभाग भी इस ओर नजर बनाए हुए हैं। अमरकंटक फॉरेस्ट रेंजर व्ही के श्रीवास्तव ने बताया कि बाघ ने गाय का शिकार कर आहार बना रहा है , जब तक वह शिकार पास रहेगा तब तक वन अमला बारी बारी से बाघ पर नजर बनाए रखेगा । लोगो द्वारा बताया गया कि बाघ आपने शिकार को जब तक पूरा आहार खत्म नहीं कर देता तब तक वह शिकार पास रहेगा ।

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