Amarkantak दूर दूर से पहुंचे विसर्जन के लिए गणेश जी नर्मदा उद्गम स्थल ।।

अमरकंटक :- श्रवण उपाध्याय
पवित्र नगरी अमरकंटक में भारी बारिश के बाउजूद दूर दराज से विसर्जन हेतु माँ नर्मदा के उद्गम स्थल में अनेक जगहों से गणपति बप्पा मोरया के जयघोष करते बच्चे , महिलाएं , पुरुष बैंडबाजे , म्यूज़िक सिस्टम के सुरमधुर संगीत के साथ नाचे गाते वाहनों से , दूर के लोग बड़े वाहन से क्षेत्र के लोग कोई स्कूटी से , कोई ऑटो से , कोई सायकल से भी पहुंचे विसर्जन हेतु ।

नगर परिषद द्वारा विसर्जन स्थल में लाइट का प्रबंध किया हुआ था , थाना अमरकंटक प्रभारी मनोज दीक्षित ने अपनी टीम को क्षेत्र व विसर्जन स्थल में निरीक्षण व अप्रिय कोई घटनाएं न हो इसके लिए पुलिस बल को चौकस नजर बनाए रखने हेतु तैयार कर रखे थे , इसी में जीवन सुरक्षा किट (तैराकी किट) भी स्थल में मौजूद किये गए थे ।

विसर्जन तो सुबह से शाम तक चलता है । इस वर्ष गणेश विसर्जन स्थल में लगभग 60 से ज्यादा मूर्तियों का विसर्जन हुआ जिसमें दूरदराज से भी मूर्तिया लेके लोग पहुंचे , दूरीयो में सबसे ज्यादा रहली (सागर), जबलपुर , ब्यौहारी , कोरिया , बिलासपुर , मरवाही , शहडोल , कोतमा , केशवाही , के अलावा अन्य अनेक जगहों से लोग पहुंचे । ये सभी गणेश मूर्तिया पुष्कर डेम के पास बने कुंड में विसर्जन किये गए । विसर्जन काफी लेट तक चलता रहता है जिसमे हल्का पटवारी अमरकंटक वीरेंद्र सिंह मरावी का कहना था कि देर रात्रि के विसर्जन का एक निश्चित समय भी तय होना चाहिए ताकि क्षेत्र के बच्चे व महिलाएं विसर्जन स्थल पहुच कर इस भब्यता का आनंद ले सके । नगर परिषद सी एम ओ चैन सिंह परस्ते का कहना था कि विसर्जन स्थल में लाइट वगैरह की पूरी ब्यवस्था थी पर यंहा भारी वर्षा के कारण कीचड़ वगैरह ज्यादा हो जाने के कारण कुछ असुविधा का सामना करना पड़ा । इस तरह हर वर्ष छोटी बड़ी मूर्तिया यंहा पहुचती है जिसकी पूरी ब्यवस्था बनाई जाती है , आगे भी दुर्गा पूजन (नवरात्रि) का समय आने वाला है जिसमे और बेहतर ब्यवस्था बनाई जाएगी ।

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