एकादशी व्रत उद्यापन , मानस पाठ कर किया समाप्त ।

अमरकंटक / कैमोर

कैमोर निवासी अश्वनी कुमार पांडेय की धर्मपत्नी श्रीमती लल्लू देवी पांडेय ने लंबे अर्से से एकादशी का निर्जला व्रत करते आ रही थी जिसका उद्यापन (पूर्णाहुति) द्वादशी आज दिनांक 19 मार्च 2023 रविवार को 24 घंटे का रामायण मानस पाठ पूर्ण करने के बाद कथा पूजन करवा कर हवन इत्यादि पश्चात आरती कर व्रत का उद्यापन किया ।

पंचांग के अनुसार 18 मार्च 2023 दिन शनिवार चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का धर्म – कर्म की दृष्टि से विशेष है । आज एकादशी की तिथि है इस दिन ग्रहों की चाल और नक्षत्र की स्थिति महत्वपूर्ण है । चंद्रमा मकर राशि में गोचर कर रहा है । कृष्णपक्ष की एकादशी को पापमोचनी कहा जाता है । यह व्रत भगवान विष्णु की आराधना करने के लिए है । एकादशी व्रत करने से समस्त पापों से मुक्त हो जाता है ।

जिसके पूजन से परिवार में सुख शांति , सौभाग्य की कृपा बनी रहती है । परिवार में आनंद मंगल बना रहता है । परिवार में बड़ा बेटा राकेश पांडेय , राहुल (रामेंद्र) पांडेय , पुष्पेंद्र (छोटू) पांडेय साथ ही उनकी बहू सबने उनका हौसला बढ़ाया जिससे वे अपनी इक्षा शक्ति को बनाए रखे और इस व्रत को इक्षानुसार निर्वहन कर विधि विधान से ब्राम्हण पंडित से कथा सुनकर एकादशी व्रत का उद्यापन कार्य पूर्ण की । इस अवसर पर परिवार के अलावा अनेक रिस्तेदारो को आमंत्रण देकर इस महान व्रत भाग लेकर प्रसाद में सम्मिलित होने का अवसर दिया । हिंदू महिलाओं में यह व्रत का बड़ा ही महत्व है । भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद हेतु यह व्रत महिलाए करती है ।

अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है ।
द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप के समान होता है , इसलिए महिलाएं इस बात का विशेष ध्यान रखती है ।

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