*नौकर के बजाय मालिक बनाने सवा सौ करोड़ ज्ञान के लिए अत्याधुनिक पाठ्यक्रम में नि:शुल्क पंजीयन*

*नौकर के बजाय मालिक बनाने सवा सौ करोड़ ज्ञान के लिए अत्याधुनिक पाठ्यक्रम में नि:शुल्क पंजीयन*
अनूपपुर। मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी भारत सरकार प्रोजेक्ट राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद, आईसीएआर-अटारी जबलपुर, एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन, स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन तथा स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वाधान में भारत के सवा सौ करोड़ ‘ज्ञान’ जी फॉर गरीब, वाई फॉर युवा, ए फॉर अन्नदाता (किसान), एन फॉर नारीशक्ति (महिला) पर ध्यान कर डीएलईसी फार्मूला डिसेंट्रलाइजेशन (विकेंद्रीकरण), लोकल (स्वदेशी), एंटरप्रेन्योरशिप (उद्यमिता), कोऑपरेशन (सहकारिता) आधारित अत्याधुनिक पाठ्यक्रम में नि:शुल्क पंजीयन प्रारंभ है।
*बेरोजगारी भारत के लिए समस्या नहीं बन सकता-क्षेत्र संगठक श्री केशव दुबौलिया*
स्वदेशी जागरण मंच मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संगठक श्री केशव दुबौलिया ने बताया कि स्वावलंबी भारत अभियान स्वरोजगार के अवसर पैदा करने हेतु अमृतकाल क्षमता निर्माण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण सामूहिक पहल है, जिसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनों एबीवीपी, सहकार भारती, लघु उद्योग भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, भारतीय शिक्षण मंडल, भारतीय जनता पार्टी सहित 16 संगठन समान उद्देश्यों के साथ कार्य कर रहे है। इसका लक्ष्य भारत के प्रत्येक नागरिक को गरीबी रेखा से ऊपर लाना, प्रत्येक हाथ को काम प्रदान करना और भारत को एक समृद्ध देश बनाकर प्रत्येक नागरिक को समग्र आर्थिक विकास में भागीदार बनाना है।
*विकेंद्रीकृत ग्रामीण उद्यमिता केन्द्रित इस कार्यक्रम से बेरोजगारी-गरीबी मुक्त भारत बनेगा-डॉ. ललन शर्मा*
एकल अभियान के राष्ट्रीय अभियान प्रमुख – डॉ. ललन शर्मा ने बताया की अमृत काल कार्यक्रम में विकसित भारत के लक्ष्य आर्थिक विकास, सतत विकास, जीवनयापन में आसानी, व्यापार करने में आसानी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण से जुड़ा हुआ है तथा 2047 तक भारत को बेरोजगारी मुक्त, शून्य गरीबी रेखा तथा 40 ट्रिलियन डॉलर की विश्व की सबसे बड़ी इकोनॉमी खड़ा करने के लिए सवा सौ करोड़ ज्ञान को सक्षम और समृद्ध बनाना इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है। इस अत्याधुनिक कोर्स में वनौषधि- आयुष एपीआई, 64-कलाओं, सोलह सिंगार, हर्बल, 108 जड़ी-बूटी, मोटाअनाज, 108 भारतीय मसाला, जनजातीय उधमिता, हथकरघा-बुटीक, गोबर उत्पाद, पूजन सामग्री, फूड प्रोसेसिंग, भारतीय शिल्प, अलाइड डेयरी, मिलेट बेकरी, महुआ, जैव उर्वरक, घरेलू / दैनिक उपयोग की वस्तुओं, बायोप्लास्टिक, स्पोर्ट्स, योग-नेचुरोपैथी पर्यटन उद्यमिता को सम्मिलित किया गया है।
*एग्रोएंटरप्रेन्योर तैयार करना विकसित भारत के लिए प्रभावकारी कदम-डॉ एसआरके सिंह*
आईसीएआर अटारी जबलपुर के डायरेक्टर डॉ एसआरके सिंह ने बताया की जल और ऊर्जा स्वराज के साथ एग्रोएंटरप्रेन्योर तैयार करना विकसित भारत और समृद्ध किसान हेतु प्रभावकारी कदम है, इस कार्यक्रम में कृषि‍ वि‍ज्ञान केंद्र (केवीके) को कौशल विकास केंद्र के वन स्‍टॉप सेंटर के रूप में किसानों को डि‍जि‍टल समाधान के साथ धरती मां की रक्षा के लिए प्राकृतिक एवं आयुष खेती पर रिवॉल्‍यूशनरी प्रशिक्षण, नैनो यूरिया, एग्रोक्लिनिक के रूप में किसान समृद्धि केंद्रों का विकास, फूड प्रोस‍ेसिंग हब, कृषि उद्यमिता से रोजगार के अवसर, एग्रोप्रेनर ग्रामीण अर्थव्यवस्‍था के नए इंजन, न्‍यूट्री हब, श्रीअन्‍न सुपरफूड को वर्ल्डवाइड एक्सपोर्ट, छोटे किसानों के लिए मिलेट्स (श्रीअन्‍न) आधारित उद्यमिता, सौर उर्जा ट्यूबवेलों, कृषि‍ मशीनरी और उपकरण आधारित उद्यमिता, पीएम कि‍सान समृद्धि का वि‍स्‍तार, ड्रोन-कृषि-सैटेलाइट उद्यमिता के क्षमता निर्माण होने से उपज के प्रभावी मार्केटिंग के लिए नए आयामों को स्थापित करना शामिल है।
*विकसित और आत्‍मनिर्भर मध्‍यप्रदेश के निर्माण में परिषद की भूमिका महत्‍वपूर्ण- डॉ.धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय*
म.प्र. शासन के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अंतर्गत संचालित मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक और केन्‍द्रीय आई.टी. मंत्रालय के संयुक्‍त तत्‍वावधान में व्‍यवसाय कौशल, विकेन्द्रीकरण, स्‍थानीय स्‍तर पर उद्यमशीलता और सहकारिता को प्रोत्‍साहित करने के लिये चलाये जाने वाले लघु अवधि पाठयक्रमों के संचालन के लिये शुभकामनायें व्‍यक्‍त करते हुये इसे देश के यशस्‍वी प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम बताया है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष निमित्त प्रारंभ हुये क्षमता सम्‍वर्धन के इस कार्यक्रम से जुडकर परिषद् अपनी विशेषज्ञता और नेटवर्क के माध्‍यम से ग्राम स्‍तर तक इस योजना के प्रचार-प्रसार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाकर प्रदेश की विकास आवश्‍यकताओं की दिशा में महत्‍वपूर्ण योगदान करेगी। डॉ. पाण्‍डेय ने कहा कि आत्मनिर्भर तथा विकसित मध्यप्रदेश के लिए यह योजना बेहद महत्वपूर्ण हैं। जिसे जमीनी स्‍तर पर कार्यकर्ताओं को प्रोत्‍साहित करने हेतु परिषद् के नेटवर्क का उपयोग प्रदेश के 55 जिलों और 313 विकासखण्‍डों में प्रचार-प्रसार के लिये किया जायेगा। मध्यप्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध स्थानीय संसाधन आधारित उद्यमिता को प्रोत्‍साहित करने की दिशा में यह अभियान उपयोगी होगा। परिषद् के पदाधिकारी, तकनीकी स्टाफ, जिला एवं ब्‍लाक समन्वयक भी प्रशिक्षित होकर अपनी दक्षता संवर्धन करके स्वावलंबन की सतत प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। इससे मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
*अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष निमित्त पंच परिवर्तन कार्यक्रम-आचार्य (डॉ) विकास*
मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स भारत सरकार प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय कंप्यूटर विज्ञान संकाय के डीन एवं स्वदेशी जागरण मंच महाकौशल प्रान्त के प्रांत सहसंयोजक आचार्य (डॉ.) विकास सिंह ने बताया की कुटुंब प्रबोधन और नागरिक शिष्टाचार के साथ स्वदेशी उत्पाद हेतु स्थानीय संसाधन का पर्यावरण हितैषी के रूप में उपयोग एवं सामजिक समरसता को ध्यान में रखकर सहकारिता आधारित आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग वाले उद्यमिता के माध्यम से क्लास बी और क्लास सी कैटेगरी के स्वदेशी उत्पादों से बड़े पैमाने पर इंपोर्ट कम तथा एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। पंच परिवर्तन के सूत्र सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व का जागरण तथा नागरिक शिष्टाचार का पालन करते हुए उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र उद्यमिता का निर्माण प्रायोगिक रूप में कराने का प्रशिक्षण भी इस पाठ्यक्रम में शामिल है।
इसमें प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के निदेशक प्रो वीरेंद्र कुमार व्यास, टास्क मैनेजर डॉ प्रवीण शर्मा, एकल अभियान से श्री भास्कर, अखिल भारतीय सहविचार प्रमुख प्रो राघवेंद्र प्रताप सिंह चंदेल, सुधीर दाते क्षेत्र संयोजक, क्षेत्र कोश प्रमुख आर पी माहेश्वरी, राष्ट्रीय परिषद सदस्य साकेत सिंह राठौड़ प्रो संजीव शर्मा, मध्य भारत प्रांत संयोजक श्रीकांत बुधौलिया, सहसंयोजक प्रो राकेश शर्मा, महिला कार्य प्रमुख डॉ प्रतिभा चतुर्वेदी, सहप्रमुख श्रीमती सीमा भारद्वाज, सहसमन्वय श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, मालवा प्रांत संयोजक हरिओम वर्मा, सहसंयोजक विशाल पुरोहित, प्रांत समन्वयक विवेक दुबे, सहसमन्वयक राजेश देशमुख, छत्तीसगढ़ प्रांत संयोजक तथा समन्वयक जगदीश पटेल, सहसंयोजक श्रीमती शीला शर्मा, सह समन्वयक संजय चौबे, महिला समन्वय श्रीमती सुमन मुथा, महाकौशल प्रांत संयोजक तथा समन्वय आलोक सिंह चौहान, सहसंयोजक प्रो विकास सिंह, सह समन्वयक सोमेश गुप्ता, राकेश तिवारी, महिला कार्य प्रमुख श्रीमती राजकुमारी शुक्ला सहित अनेक गणमान्य पदाधिकारी सम्मिलित है।

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