मेढाखार में दो दिनों से रहवास बनाकर अपने शिकार का सेवन कर रहा बाघ,वन विभाग एवं पुलिस विभाग कर रहा निगरानी

अनूपपुर/अमरकंटक

श्रवण उपाध्याय

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत वन परिक्षेत्र अमरकंटक के ग्राम पंचायत लपटी में स्थित मेढाखार गांव में विगत दो दिनों से टाइगर (बाघ) डेरा जमाए हुए हैं जो शिकार किये गये भैंस के मांस का कुछ-कुछ घंटे में आकर खा रहा है । बाघ के निरंतर विचरण पर वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के साथ पुलिस विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी भी बाघ की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं इस दौरान बाघ की गतिविधियों पर निगरानी रखे जाने हेतु ट्रेप कैमरे भी जगह-जगह लगाए गए हैं।
ज्ञातव्य है कि एक दिसंबर की मध्य रात एक बाघ वन परिक्षेत्र अमरकंटक एवं पुष्पराजगढ़ तहसील के दोनिया-बिजौरी गांव के बीच कुछ राहगीरों ने देखा , जिसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल होने पर वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी रात भर गस्ती कर निगरानी कर रहे थे तभी सोमवार की सुबह ग्राम पंचायत लपटी के मेढाखार गांव में बीच बस्ती में ईश्वर नायक की तीन वर्ष उम्र की भैंस पर हमला कर भैंस को मृत करने के बाद उसके पीछे के हिस्से का मांस खाया और दिन होने पर तथा ग्रामीणों की भीड़ के कारण बाघ कुछ दूर पर स्थित लेन्टाना की झाड़ियो में पूरे दिन विश्राम करने के बाद देर शाम अपनी भूख मिटाने के लिए फिर से मृत भैंस के शव के पास जा रहा था तभी ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर फिर से वह लेंटाना की झाड़ियो में चला गया । देर रात होने पर वह फिर से मृत भैंस की शव के पास आकर उसके मांस को रात में खाता रहा । मंगलवार की सुबह होने पर बाघ फिर से लेंटना की झाड़ियां के बीच पूरे दिन बिताने बाद शाम होते ही निकल कर मृत भैंस के शव के पास जो अरहर की झाड़ियो के बीच पड़ा हुआ है के पास पहुंचा है ।
बाघ के निरंतर विचरण पर वनविभाग,पुलिस विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी निरंतर निगरानी कर रहे हैं वहीं देर शाम पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने भी मेढाखार पहुंचकर बाघ के विचरण क्षेत्र का भ्रमण करते हुए स्थल का निरीक्षण किया तथा ग्रामीणों को बाघ से दूरी बनाए रखना स्वयं तथा अन्य लोगों को सुरक्षित रखने रात्रि समय अकेले ना घूमने की सलाह दी । इस दौरान मुख्य वन संरक्षक शहडोल वृत अजय कुमार पांडेय ने भी क्षेत्र के नागरिकों को वन्यप्राणी बाघ के विचरण क्षेत्र से दूरी बनाए रखने तथा वनविभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को निरंतर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

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