अमरकंटक :- श्रवण उपाध्याय
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली अमरकंटक में भी छठ पूजा छठी मैया का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से ब्रती परिवार मानते आ रहे है । इस बार भी छठ पूजा मां नर्मदा नदी तट तीर्थ कोटि घाट पर बड़ी ही धूमधाम से मनाया जायेगा । हर परिवार के लोग इस छठ पूजा के लिए बड़ी तैयारी कर ली है , बाजार हाट से सभी पूजन सामग्री खरीदकर तैयारी पूर्ण कर ली गई है । रविवार की शाम सूर्य अस्त होते समय सूर्य अर्घ दिया जाएगा , उसके बाद सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होगा ।
इस पर्व को करने से छठी माता प्रसन्न होती है और छठी माता प्रसन्न होकर भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण करती है । षष्ठी तिथि के दिन डूबते हुए सूर्य देवता की विशेष पूजा की जाती है ।
छठ पर्व के प्रति लोगो की विशेष आस्था है और यह पर्व हर साल कार्तिक मास से शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है । इसकी शुरुआत इसके पूर्व नहाय खाय के साथ शुरू हो जाता है । छठ पर्व में महिलाएं ३६ घंटे का निर्जला व्रत रखती है जो की संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है । इस पर्व में गन्ने का रुख विशेष होता है इसके अलावा अनेक प्रकार के फल आदि पूजन में रखा जाता है और अन्य वस्तु भी सम्मिलित है ।
इस तरह प्रतिवर्ष की भाती इस वर्ष भी अमरकंटक के कई परिवार छठ पूजा विधि विधान से छष्ठी माता की पूजन नर्मदा नदी के कोटि तीर्थ घाट पर किया जाएगा ।